Aankhon Mein Teri Ajab Si [Aankhon Mein Teri Ajab Si]
Vishal Dadlani
आई ऐसी रात है जो बहुत खुशनसीब है
चाहे जिसे दूर से दुनिया वो मेरे करीब है
कितना कुछ कहना है फिर भी है दिल में सवाल कही
सपनों में जो रोज कहा है वो फिर से कहूँ या नहीं
आँखों में तेरी अजब सी अजब सी अदायें हैं
हो आँखों में तेरी अजब सी अजब सी अदायें हैं
दिल को बना दे जो पतंग साँसे ये तेरी वो हवायें हैं
दिल को बना दे जो पतंग साँसे ये तेरी वो हवायें हैं
दिल को बना दे जो पतंग साँसे ये तेरी वो हवायें हैं