Maa Ka Mann
मा का मन एक बड़ा समंदर
सब की भूल समाई अंदर
मा का मन एक बड़ा समंदर
सब की भूल समाई अंदर
ना कोई बैर ना कोई शिक़ायत
आप में ही है अपना मंदिर
सतनाम श्री वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु
सतनाम श्री वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु
गुरुमुख बखस जमाइयाँ
मन मुखी मूल गवाइयाँ
गुरुमुख बखस जमाइयाँ
मन मुखी मूल गवाइयाँ
सबको बीजाए अपना ये भराए
नोहर भवाई सो खेत जमाइया
गुरु सीखी हरामृत
बीझिया हरामृत
नाम फलमरत पाइयाँ
गुरुमुख बखस जमाइयाँ
मन मुखी मूल गवाइयाँ
सतनाम श्री वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु
सतनाम श्री वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु
बुरा जो बोले तुझसे कोई
अपने मन तू माफी बोए
प्रेम मिटाए द्वेष घना
क्रोध करे जो सब खोए
सतनाम श्री वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु
सतनाम श्री वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु
सतनाम श्री वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु
सतनाम श्री वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु