Khwabida
पहले ज़िंदगी महफ़हूस थी महफ़हूस थी
पर थी वो खफा
मेने ज़िंदगी महसूस की महसूस की
है अबकी दफ़ा एक बात पे यकीन
है अभी हुआ जीना है मुझे
वक़्त की तरह
रहना नही अब ख्वाबिदा ख्वाबिदा
करना है इस लम्हे का हक़ अदा
रहना नही अब ख्वाबिदा ख्वाबिदा
करना है बस इस पल का हक़ अदा
रात मुराद है दिन आबाद है
जाना आ ज
काँधे पे मेरे खुद का हाथ है
डर नही मुझे
सिरत सूरत दिल की जुर्रत
बदलने लगी उछलने लगी
उसकी बरकत मेरी चाहत
मिलने लगी है चलने लगी
अब नाज़ है ऐतराज़ है नही
मेने दिल की आवाज़ है जो सुनी
रहना नही अब ख्वाबिदा ख्वाबिदा
करना है इस लम्हे का हक़ अदा
रहना नही अब ख्वाबिदा ख्वाबिदा
करना है बस इस पल का हक़ अदा
रहना नही अब ख्वाबिदा ख्वाबिदा
करना है बस इस पल का हक़ अदा (आ आ आ)
रहना नही अब ख्वाबिदा ख्वाबिदा
करना है बस इस पल का हक़ अदा (आ आ आ)
पहले ज़िंदगी महफ़हूस थी महफ़हूस थी
पर थी वो खफा
मेने ज़िंदगी महसूस की
महसूस की है अबकी दफाआ हा आ आ आ