Nachdi Phira
Kausar Munir
तेरी ही बोली बोलूंगी मैं
तेरी ही बानी गाउंगी मैं
तेरे इश्क़ दा चोला पहन के
मैं तुझमें ही रंग जाउंगी
तेरे इश्क़ दा चुड़ा पहन के
मैं तुझमें ही सज जाउंगी
मैं नचदी फिरां
बन ठन बल्लिये हो
मैं नचदी फिरां
ओ छम छम छलिए हूँ
कहती है दुनिया
मैं हूँ बावरिया
सुध से गयी मैं
खुद से गयी मैं
तेरी हो गयी मैं
पर जग क्या जाने
मन के फ़साने
खो कर खुद को
पा कर तुझ को
मेरी हो गयी मैं
तेरी नगरिया जाउंगी मैं
तेरी नजरिया वारूँगी मैं
तेरे इश्क़ दा चोला पहन के
मैं तुझमें ही रंग जाउंगी
तेरे इश्क़ दा चूड़ा पहन के
मैं तुझमें ही सज जाउंगी
मैं नचदी फिरां
बन ठन बल्लिये हो
मैं नचदी फिरां
छम छम छलिए हूँ हूँ हूँ हूँ
मैं नचदी फिरां
बन ठन बल्लिये हो
मैं नचदी फिरां
छम छम छलिए हो