Yun Hi Dil Ne Chaha Tha
SAHIR LUDHIANVI, ROSHAN
यूँही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
यूँही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
हमें भी नहीं इल्म हम जिस पे रोए
वो बीती रुतें हैं के आता ज़माना
वो बीती रुतें हैं के आता ज़माना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
ग़म ए दिल है और ग़म ए ज़िंदगी भी
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना
ग़म ए दिल है और ग़म ए ज़िंदगी भी
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
कोई किसपे तड़पे कोई किसपे रोए
इधर दिल जला है उधर आशियाना
इधर दिल जला है उधर आशियाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
यूँही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना