Rooh-E-Daari
हर रोज़ दिल का रास्ता
तुम्हारे घर से गुज़रता था
दूरियाँ बदती गयी
पर दिल फिर भी धड़कता था
आख़िर एक अंजान मोड़ पर
हम बिगछाड़ के रह गये
ज़माने से ज़्यादा मोहबात करी थी
इसलिए शायद यह ज़ख़्म से गये
दिल दिया था
कह के तुझको
दिल यह मेरा तेरा हो गया
घर था बैठा शाम को तेरे
रात से हन सवेरा हो गया
सालों का रिस्ता अंजाना हो गया
तुमसे मिले थे हन ज़माना हो गया
मिलने को तडपे बेगाना हो गया
दिल मेरा धड़के ज़माना हो गया
रूह-ए-डारी रिश्तेदारी
दिल ने पुकारा
दिल तो था आवारा
देखो बन गया बेचारा
रूह-ए-डारी रिश्तेदारी
दिल ने पुकारा
दिल तो था आवारा
देखो बन गया बेचारा
बन के हवा में बेज़ुबान मैं
दिल लगाने अवँगा
रातों को तेरा चाँद बन के
तुमको देखने अवँगा
बन के हवा में बेज़ुबान मैं
दिल लगाने अवँगा
रातों को तेरा चाँद बन के
तुमको देखने अवँगा
ऐसा यह नाता दिल लगा कर
छ्चोड़ नही हम पाएँगे
रब से माँगा है के तुमको
मार के भी हम चाहेंगे
खो कर मैं तुझको
आवारा हो गया
दिल जो था मेरा
तुम्हारा हो हो गया
(तुम्हारा हो गया…)
सालों का रिस्ता अंजाना हो गया
तुमसे मिले थे
हन.. ज़माना हो गया
मिलने को तडपे बेगाना हो गया
दिल मेरा धड़के ज़माना हो गया
रूह-ए-डारी रिश्तेदारी
दिल ने पुकारा
दिल तो था आवारा
देखो बन गया बेचारा
रूह-ए-डारी रिश्तेदारी
दिल ने पुकारा
दिल तो था आवारा
देखो बन गया बेचारा