Pyar Ka Haadsaa
M. G. Hashmat
मोहब्बत अचानक हुई थी कहीं पे
बिना सोचे समझे हुए दूर क्यों हम
मुक्कदर ने फिर से मिलाया है हमको
जुदाई का अब्ब तोह मिले न कभी गम
हर एक शाम के बाद होती सेहेर है
यह जिंदगी हादसों का सफर है
यहां रोज रोज हर मोड़ मोड़ पे होता है गम और ख़ुशी का
हादसा हादसा
प्यार का हादसा
प्यार का हादसा
प्यार का हादसा