Issi Baat Pe
अगर ज़िंदगी हो खुद में कहीं
फिर कियूं रहे किसी की कमी
बोझ बन के रहे कियूं सुबह किसी रात पे
आ बदल डालैन रसमैन सभी इसी बात पे
इसी बात पे... इसी बात पे... इसी बात पे
माँगा नही है कभी आसमान
हन मगर इक झरोका खुला तो रखा
जीत दान टोर देना कहीं इसी मॅट पे
हन बदल डालैन रसमैन सभी इसी बात पे
इसी बात पे... इसी बात पे... इसी बात पे
माँगा नहीं है कभी आसमां
हाँ मगर एक झरोखा खुला तो रखो
जीत दम तोड़ दे ना कभी किसी मात पे
हाँ बदल डालें रस्में सभी इसी बात पे
इसी बात पे, इसी बात पे
इसी बात पे, इसी बात पे