Tum Se Hi [Reloaded]
Shabbir Ahmed
दो दिल सफ़र पे निकल पड़े
जाना कहाँ क्यू फ़िकर करे
कहा ठिकाना हो रात का
सुबह कहाँ पे बसर करे
खोया खोया दिल मेरा कहता है
हाँ तुम से ही
बस तुम से ही
मेरी जान है
बस तुम से ही
दिल को मेरे आराम है
परेशान है बस तुम से ही
जो दर्द को सुकून दे
वो दर्द तुम से मिलता है
ऐ दिल ज़रा इतना बता
क्यूँ इश्क़ तुम से होता है
साँसो को अब जीने का
जैसे सहारा मिल गया
खोया खोया दिल मेरा कहता है
उम्मम्म तुम से ही
बस तुम से ही
मेरी जान है
बस तुम से ही
दिल को मेरे आराम है
परेशान है बस तुम से ही