Namaskar Saptak
करता हूँ मैं वंदना, नट शिर बारंबार
तुझे देव परमात्मान, मंगल शिव शुभकार
अंजलि पर मस्तक किए, विनया भक्ति के साथ
नमस्कार मेरा तुझे, होवे जाग के नाथ
दोनो कर को जोड़ कर, मस्तक घुटने टेक
तुझ को हो प्रणाम माँ, शत-शत कोटि अनेक
पाप-हरण मंगल-करण, चरण-शरण का ध्यान
धार करूँ प्रणाम मैं, तुझ को शक्ति निधान
भक्ति-भाव शुभ-भावना, मन में भर भरपूर
श्रद्धा से तुझ को नमून, मेरे राम हज़ूर
ज्योतिर्माया जगदीश हे, तेजोमाय अपार
परम पुरुष पावन परम, तुझ को हो नमस्कार
सत्या ग्यान आनंद के, परम धाम श्री राम
पुलकित हो मेरा तुझे, होवे बहू प्रणाम