Yeh Saal Ki Aakhiri Raat Hai

LAXMIKANT PYARELAL, VARMA MALIK

दो रे में फ सो ल ति दो दो रे में फ सो ल ति दो
दो ती ल सो फ में रे दो
ये साल की आखरी रात है
ज़रा समझने वाली बात है
तू कल की कल पे छोड़ दे
वो गुज़रे साल की बात है
वो गुज़रे साल की बात है
वो गुज़रे साल की बात है
ऐ ऐ ऐ
दो रे में फ सो ल ति दो
ये साल की आखरी रात है
ज़रा समझने वाली बात है
तू कल की कल पे छोड़ दे
वो गुज़रे साल की बात है
वो गुज़रे साल की बात है
वो गुज़रे साल की बात है
ऐ ऐ ऐ
दो ती ल सो फ में रे दो

आने वाले की ख़ुशी में
ऐ ऐ
तू जाने वाले को भूल
आने वाले की ख़ुशी में
ऐ ऐ
तू जाने वाले को भूल
ज़ख्म चाहे तुझको मिलें हों
चाहे मिले हों फूल
गुज़र गया जो साल वो
यादों की बरात है
यादों की बरात है
दो रे में फ सो ल ति दो
ये साल की आखरी रात है
ज़रा समझने वाली बात है
तू कल की कल पे छोड़ दे
वो गुज़रे साल की बात है
वो गुज़रे साल की बात है
वो गुज़रे साल की बात है
ऐ ऐ ऐ
दो ती ल सो फ में रे दो

दो रे में फ सो ल ति दो
नए साल की पहली रात है
ज़रा समझने वाली बात है
आजा मुहब्बत बाँट लें
ये कुदरत की सौगात है
ये कुदरत की सौगात है
ये कुदरत की सौगात है
रु रु रु
अगर सुनहरी मौक़ा
आज भी खो जाएगा
इक साल जवानी का
और कम हो जाएगा
अगर सुनहरी मौक़ा
आज भी खो जाएगा
इक साल जवानी का
और कम हो जाएगा
हमसफ़र कोई
मिल जाये तो
हर रात तेरी शबरात है
ऐ ऐ ऐ
दो रे में फ सो ल ति दो
नए साल की पहली रात है
ज़रा समझने वाली बात है
आजा मुहब्बत बाँट लें
ये कुदरत की सौगात है
ये कुदरत की सौगात है
ये कुदरत की सौगात है
ऐ ऐ ऐ
दो रे में फ सो ल ति दो
ये साल की आखरी रात है
ज़रा समझने वाली बात है
तू कल की कल पे छोड़ दे
ये कुदरत की सौगात है
ये कुदरत की सौगात है
ये कुदरत की सौगात है.

Curiosités sur la chanson Yeh Saal Ki Aakhiri Raat Hai de Anuradha Paudwal

Qui a composé la chanson “Yeh Saal Ki Aakhiri Raat Hai” de Anuradha Paudwal?
La chanson “Yeh Saal Ki Aakhiri Raat Hai” de Anuradha Paudwal a été composée par LAXMIKANT PYARELAL, VARMA MALIK.

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