Chale Aana

Kunaal Vermaa

जुदा हम हो गए माना
मगर ये जान लो जाना

जुदा हम हो गए माना
मगर ये जान लो जाना
कभी मैं याद आऊं तो
चले आना चले आना
तुम्हें मैं भूल जाऊँगा
ये बातें दिल में ना लाना
कभी मैं याद आऊं तो
चले आना चले आना

था कौन मेरा एक तू ही था
साँसों से ज्यादा जो ज़रूरी था
तेरे लिए मैं कुछ नहीं लेकिन
मेरे लिए तू मेरा सब कुछ था
नहीं जाना भुला कर के
ये बातें तुम ही कहते थे
रही खुशियाँ नहीं मेरी
के तुम भी वक़्त जैसे थे
तुम्हारा था रहेगा भी
करें क्या दिल है दीवाना
कभी मैं याद आऊं तो
चले आना चले आना

मैंने तुम्हारी बात मानी है
मैंने मनाया दिल को है कैसे
अब से रहो तुम खुश जहाँ भी हो
मेरा तुम्हारा था भी क्या वैसे
भले दूरी रहे जीतनी
निगाहों से निगाहों की
मगर ख्वाबों की दुनियां में
मिलूँगा तुमसे रोजाना
यहीं तक था सफ़र अपना
तुम्हें है लौट कर जाना
कभी मैं याद आऊं तो
चले आना चले आना

ना रा रा ना रा रा राहे हे हे हे हे
हम्म हम्म हो हो हो आ

Curiosités sur la chanson Chale Aana de Armaan Malik

Qui a composé la chanson “Chale Aana” de Armaan Malik?
La chanson “Chale Aana” de Armaan Malik a été composée par Kunaal Vermaa.

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