Dil Me Ho Tum

Manoj Muntashir, Farooq Qaiser

चल दिया
दिल तेरे पीछे पीछे
देखता मैं रह गया
कुछ तो है तेरे मेरे दरमियाँ
जो अनकहा सा रह गया
मैं जो कभी कह ना सका
आज कहता हूँ पहली दफा
दिल में हो तूम
आँखों में तुम
पहली नज़र से ही यारा
दिल में हो तुम
आँखों में तुम
पहली नज़र से ही यारा
ये इश्क की है साजिशें
लो आ मिले हम दोबारा
दिल में हो तूम
आँखों में तुम
पहली नज़र से ही यारा
पहली नज़र से ही यारा

सरफिरा सा मैं मुसाफिर
पांव कहीं ठहरे ना मेरे
फिर मेरी आवारगी को
आने लगे खाब तेरे
हो सरफिरा सा मैं मुसाफिर
पांव कहीं ठहरे ना मेरे
फिर मेरी आवारगी को
आने लगे खाब तेरे
ये प्यार भी क्या कैद है
कोई होना ना चाहे रिहा
दिल में हो तुम
आँखों में तुम
पहली नज़र से ही यारा
ओ ये इश्क की है साजिशें
लो आ मिले हम दोबारा
दिल में हो तूम
आँखों में तुम
पहली नज़र से ही यारा
पहली नज़र से ही यारा

तेरे बिन ये सारे मौसम
बेरंग थे बे मजा थे
शामिल नहीं थी तू जिनमें
वो सारे पल बे वजह थे
वो ज़िन्दगी है ही नहीं
जो मैं तेरे बिना जी लिया
दिल में हो तुम
आँखों में तुम
पहली नज़र से ही यारा
ओ ये इश्क की है साजिशें
लो आ मिले हम दोबारा
दिल में हो तूम
आँखों में तुम
पहली नज़र से ही यारा
पहली नज़र से ही यारा

Curiosités sur la chanson Dil Me Ho Tum de Armaan Malik

Qui a composé la chanson “Dil Me Ho Tum” de Armaan Malik?
La chanson “Dil Me Ho Tum” de Armaan Malik a été composée par Manoj Muntashir, Farooq Qaiser.

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