Ik Dusre Ki Neend

Qateel Shifai, Kuldeep Singh

इक दूसरे की नींद चुरा ने की रात हैं
इक दूसरे की नींद चुरा ने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं
इक दूसरे की नींद चुरा ने की रात हैं
इक दूसरे की नींद चुरा ने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं

जो कुच्छ मिला हूमें
वो कहीं हुंसे खो ना जाए
जो कुच्छ मिला हूमें
वो कहीं हुंसे खो ना जाए
हम सो गये तो दर हैं
के तकदीर सो ना जाए
ये तेरे मेरे जश्न माने की रात हैं
ये तेरे मेरे जश्न माने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं

तू मेरे रूबरू हैं तो मैं तेरेरुबरू
तेरे बदन से मेरे बदन की है गुफट्गु
तू मेरे रूबरू हैं तो मैं तेरेरुबरू
तेरे बदन से मेरे बदन की है गुफट्गु
ये दो दिलो में प्यार बढ़ने की रात हैं
ये दो दिलो में प्यार बढ़ने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं

महसूस हो रही हैं जो ठंडी सी एक जलन
महसूस हो रही हैं जो ठंडी सी एक जलन
निकलेगा इस से और जवानी का बाक पं
जज़्बात में ये आग लगा ने की रात हैं
जज़्बात में ये आग लगा ने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं
इक दूसरे की नींद चुरा ने की रात हैं
इक दूसरे की नींद चुरा ने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं
ये रात जागने की जगाने की रात हैं

Curiosités sur la chanson Ik Dusre Ki Neend de Ashok Khosla

Qui a composé la chanson “Ik Dusre Ki Neend” de Ashok Khosla?
La chanson “Ik Dusre Ki Neend” de Ashok Khosla a été composée par Qateel Shifai, Kuldeep Singh.

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