Koi Deewar Se

Zafar Gorakhpuri, Ashok Khosla

साँस का बोझ रख के कंधो पर
ज़िंदगी ने हूमें ये दी सौगात
ज़ख़्म के फूल खाब के जुंगल
ाश्क़ के डीप इंतज़ार की रात

कोई दीवार से लग के बैठा रहा
कोई दीवार से लग के बैठा रहा
और भरता रहा सिसकियाँ रात भर
आज की रात भी चाँद आया नही
आज की रात भी चाँद आया नही
राह तकती रही खिड़कियाँ रात भर
कोई दीवार से लग के बैठा रहा
और भरता रहा सिसकियाँ रात भर
कोई दीवार से

घाम जलता किसी को बस्ती नही थी
घाम जलता किसी को बस्ती नही थी
मेरे चारो तरफ मेरे दिल के शिवा
मेरे चारो तरफ मेरे दिल के शिवा
मेरे ही दिल पे आ आके गिरती रही
मेरे ही दिल पे आ आके गिरती रही
मेरे एहसास की बिजलियाँ रात भर
कोई दीवार से लग के बैठा रहा
और भरता रहा सिसकियाँ रात भर
कोई दीवार से

दायरे शोख रंगो के बनते रहे
दायरे शोख रंगो के बनते रहे
याद आती रही वो कलाई हूमें
याद आती रही वो कलाई हूमें
दिल के सुनसान आगन में बजती रही
दिल के सुनसान आगन में बजती रही
रेशमी शरबती चूड़ियाँ रात भर
कोई दीवार से लग के बैठा रहा
और भरता रहा सिसकियाँ रात भर
कोई दीवार से

कोई चेहरा कोई रूप आँचल कोई
कोई चेहरा कोई रूप आँचल कोई
सोचा की वादियों से गुज़रता रहा
सोचा की वादियों से गुज़रता रहा
मेरे एहसास को गुदगुदती रही
मेरे एहसास को गुदगुदती रही
रंग और नूवर की तितलियाँ रात भर
कोई दीवार से लग के बैठा रहा
और भरता रहा सिसकियाँ रात भर
आज की रात भी चाँद आया नही
राह तकती रही खिड़कियाँ रात भर
कोई दीवार से लग के बैठा रहा
और भरता रहा सिसकियाँ रात भर
कोई दीवार से

Curiosités sur la chanson Koi Deewar Se de Ashok Khosla

Quand la chanson “Koi Deewar Se” a-t-elle été lancée par Ashok Khosla?
La chanson Koi Deewar Se a été lancée en 2009, sur l’album “Aftaab”.
Qui a composé la chanson “Koi Deewar Se” de Ashok Khosla?
La chanson “Koi Deewar Se” de Ashok Khosla a été composée par Zafar Gorakhpuri, Ashok Khosla.

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