Woh Shri Ram Hain
स्वामी, तुम ही हो तीनों लोकों के नारायण
देवताएं भी हैं जिनके नाम का किया जाता है गायन
स्वामी, तुम ही हो तीनों लोकों के नारायण
देवताएं भी हैं जिनके नाम का किया जाता है गायन
इनसे ही धरती, इनसे ही सुबह शाम हैं
शंकर को पूजते हैं, भोले के भगवान हैं
कलयुग में जिनका ही नाम चारों धाम है
वो श्रीराम है, वो श्रीराम है
वो श्रीराम है, वो श्रीराम है
तेरे चरणों में है मस्तक मेरा
देखो कृपालु श्रीरामचंद्र
तुझमें समाया यह संसार है
तुम ही हो ब्रह्मा, तुम ही हो शंकर
करुणामयी तुम कृपा निधान हो
हनुमान जैसे भक्तों का मान हो
भय ना रहे फिर किसी का कभी
जिसकी ज़ुबान पे श्रीराम नाम हो
दिल से जिसने ज्योत तेरे नाम की जगाई है
तुम हो जहां, वहां पे कैसे फिर बुराई हो
ध्यान जिसने तेरा किया हुआ कल्याण है
वो श्रीराम है, वो श्रीराम है
वो श्रीराम है, वो श्रीराम है
काल के चक्कर में फसे
जो राम नाम से परे हैं
मेरे जैसे लाखों हैं
जिनके नाम से तरे हैं
जिस जन के सर पे तुम्हारा हाथ है
दुःख भी रहे फिर ये कैसी बात है
करुणा के सागर जो सुख के चारों धाम हैं
श्रीराम है, वो श्रीराम है
श्रीराम है, वो श्रीराम है
श्रीराम है, वो श्रीराम है
श्रीराम है, वो श्रीराम है
श्रीराम है, वो श्रीराम है
श्रीराम है, वो श्रीराम है