Mere Labzon Ke Sakt Jadoo

Mohsin Naqvi

मेरे लफ्जों के सख्त जादू तुम्हारे
मेरे लफ्जों के सख्त जादू तुम्हारे
सदा के टूट-ते घुँगरू तुम्हारे
मेरे लफ्जों के सख्त जादू तुम्हारे

सुना हैं धूप जब डसती थी मुझको
सुना हैं धूप जब डसती थी मुझको
बोहोत फूलते रहे गेसू तुम्हारे
मेरे लफ्जों के सख्त जादू तुम्हारे

मेरी रातों के दामन में भरे है
मेरी रातों के दामन में भरे है
सितारों की तरह जुगनू तुम्हारे
मेरे लफ्जों के सख्त जादू तुम्हारे

बोहोत रोता था मोहसिन से मैं मिलना
बोहोत रोता था मोहसिन से मैं मिलना
बोहोत चर्चे है अब हरसू तुम्हारे
मेरे लफ्जों के सख्त जादू तुम्हारे
मेरे लफ्जों के सख्त जादू तुम्हारे
सदा के टूट-ते घुँगरू तुम्हारे
मेरे लफ्जों के सख्त जादू तुम्हारे

Curiosités sur la chanson Mere Labzon Ke Sakt Jadoo de Ghulam Ali

Quand la chanson “Mere Labzon Ke Sakt Jadoo” a-t-elle été lancée par Ghulam Ali?
La chanson Mere Labzon Ke Sakt Jadoo a été lancée en 2001, sur l’album “Aitbaar”.
Qui a composé la chanson “Mere Labzon Ke Sakt Jadoo” de Ghulam Ali?
La chanson “Mere Labzon Ke Sakt Jadoo” de Ghulam Ali a été composée par Mohsin Naqvi.

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