Shamshan Jala Insaan Jala
शमशान जला इंसान जला
शमशान जला इंसान जला
लो धरती की छाती पर ही
धरती का मेहमान जला
शमशान जला इंसान जला
लो धरती की छाती पर ही
धरती का मेहमान जला
शमशान जला इंसान जला
किस तरह जियु मरू
किसको अपना हाल सुनाए
आग तो जल कर राख हुई है
आग तो जल कर राख हुई है
घर जाये तो कैसे जाये
उस घर में क्या रह गया बाकि
जिस घर का भगवान जला
शमशान जला इंसान जला
कदम कदम पर ठोकर खाता
अपना आप को भुलता जाता
मरना चाहे मर न सके ये
मरना चाहे मर न सके ये
और भी लेते है घबराता
दिल में लेकर दर्द हज़ारो
फिरता है एक जेन जला
अरमान जला इंसान जला
अरमान जला इंसान जला