Abhi Who Kamsin

Jagjit Singh

अभी वो कमसिन भारी रहा है
अभी है हम पर शबाब आधा
अभी वो कमसिन भारी रहा है
अभी है हम पर शबाब आधा
अभी जिगर में खालिश है अधी
अभी है मुझ पर इताब आधा
अभी वो कमसिन भारी रहा है
अभी है हम पर शबाब आधा

मेरे सावल-ए-वसाल पर
तुम नज़र झुक कर खड़े हुए हो
मेरे सावल-ए-वसाल पर
तुम नज़र झुक कर खड़े हुए हो
तुम्हारी बताओ ये बात क्या है
सावल पुरा जवाब आधा
अभी वो कमसिन भारी रहा है
अभी है हम पर शबाब आधा
अभी वो कमसिन भारी रहा है
अभी है हम पर शबाब आधा

लगा के लारे पे ले तो आया हुआ
शेख साहब को मायकड़े तकी
लगा के लारे पे ले तो आया हुआ
शेख साहब को मायकड़े तकी
आगर ये दो घुट आज पाइल
मिलेगा मुझे सवाब आधार
अभी है मुझ पर इताब आधा
अभी वो कमसिन भारी रहा है
अभी है हम पर शबाब आधा

कभी सीताम है, कभी तगफूल
कभी सीताम है, कभी तगफूल
कभी सीताम है, कभी तगफूल
कभी सीताम है, कभी तगफूल
ये साफ जहीर है मुझे अब तक
हुआ हू में काम्यब आधा
अभी जिगर में खालिश है अधी
अभी है मुझ पर इताब आधा
अभी वो कमसिन भारी रहा है
अभी है हम पर शबाब आधा

Curiosités sur la chanson Abhi Who Kamsin de Jagjit Singh

Quand la chanson “Abhi Who Kamsin” a-t-elle été lancée par Jagjit Singh?
La chanson Abhi Who Kamsin a été lancée en 2002, sur l’album “Forget Me Not ”.

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