Ae Watan Mere Watan

Jagjit Singh, Josh Malihabadi

ऐ वतन मेरे वतन रूह-ए-रवानी अहरार
ऐ के ज़र्रों में तेरे बू-ए-चमन रंग-ए-बहार
रेज़-ए-अल्मास के तेरे ख़स-ओ-ख़ाशाक़ में हैं
हड्डीयाँ अपने बुज़ुर्गों की तेरी ख़ाक में हैं
तुझ से मुँह मोड़ के मुँह अपना दिखाएँगे कहाँ
घर जो छोड़ेंगे तो फिर छाँव निछाएँगे कहाँ
ऐ वतन मेरे वतन, ऐ वतन मेरे वतन
बज़्म-ए-अग़यार में आराम ये पायेंगे कहाँ
तुझसे हम रूठ के जायें भी जायेंगे कहाँ
तुझसे हम रूठ के जायें भी जायेंगे कहाँ
तुझसे हम रूठ के जायें भी जायेंगे कहाँ
ऐ वतन मेरे वतन, ऐ वतन मेरे वतन
ऐ वतन मेरे वतन, ऐ वतन मेरे वतन

Curiosités sur la chanson Ae Watan Mere Watan de Jagjit Singh

Qui a composé la chanson “Ae Watan Mere Watan” de Jagjit Singh?
La chanson “Ae Watan Mere Watan” de Jagjit Singh a été composée par Jagjit Singh, Josh Malihabadi.

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