Aur Baazaar Se Unke Dekhe Se Jo Aa Jaati Hai

Mirza Ghalib

और बाज़ार से ले आए अगर टूट गया
साग़र-ए-जम से मेरा जाम-ए-सफ़ाल अच्छा है
उनके देखे से
म्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं के बीमार का हाल अच्छा है
देखिये, पाते हैं उश्शाक़, बुतों से क्या फ़ैज़
देखिये, पाते हैं उश्शाक़, बुतों से क्या फ़ैज़
इक बराहमन ने कहा है, कि ये साल अच्छा है
इक बराहमन ने कहा है, कि ये साल अच्छा है

हम को मालूम है, जन्नत की हक़ीक़त, लेकिन
हम को मालूम है, जन्नत की हक़ीक़त, लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है
दिल के ख़ुश रखने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है

Curiosités sur la chanson Aur Baazaar Se Unke Dekhe Se Jo Aa Jaati Hai de Jagjit Singh

Qui a composé la chanson “Aur Baazaar Se Unke Dekhe Se Jo Aa Jaati Hai” de Jagjit Singh?
La chanson “Aur Baazaar Se Unke Dekhe Se Jo Aa Jaati Hai” de Jagjit Singh a été composée par Mirza Ghalib.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Jagjit Singh

Autres artistes de World music