Bazeecha-E-Atfal Hai [Lofi]

MIRZA GHALIB, N/A KHAIYYAAM

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया है मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे

होता है निहाँ गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक पे दरिया मेरे आगे

मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख कि क्या रंग है तेरा मेरे आगे

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया है मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे।
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल

ईमान मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र
ईमान मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र
काबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल

गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है
रहने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया है मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल

Curiosités sur la chanson Bazeecha-E-Atfal Hai [Lofi] de Jagjit Singh

Qui a composé la chanson “Bazeecha-E-Atfal Hai [Lofi]” de Jagjit Singh?
La chanson “Bazeecha-E-Atfal Hai [Lofi]” de Jagjit Singh a été composée par MIRZA GHALIB, N et A KHAIYYAAM.

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