Dard Halka Hai

GULZAR, SINGH JAGJIT

दर्द हल्का है, साँस भारी है
दर्द हल्का है, साँस भारी है
जिये जाने की रस्म जारी है
दर्द हल्का है, साँस भारी है

आप के बाद हर घड़ी हमने
आप के बाद हर घड़ी हमने
आप के बाद हर घड़ी हमने
आप के साथ ही गुज़ारी है
आप के साथ ही गुज़ारी है
जिये जाने की रस्म जारी है

रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो
रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो
दिन की चादर अभी उतारी है
दिन की चादर अभी उतारी है

कल का हर वाक़या तुम्हारा था

कल का हर वाक़या तुम्हारा था
कल का हर वाक़या तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है
आज की दास्ताँ हमारी है
जिये जाने की रस्म जारी है
दर्द हल्का है, साँस भारी है

Curiosités sur la chanson Dard Halka Hai de Jagjit Singh

Quand la chanson “Dard Halka Hai” a-t-elle été lancée par Jagjit Singh?
La chanson Dard Halka Hai a été lancée en 2013, sur l’album “The Voice From Beyond”.
Qui a composé la chanson “Dard Halka Hai” de Jagjit Singh?
La chanson “Dard Halka Hai” de Jagjit Singh a été composée par GULZAR, SINGH JAGJIT.

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