Dushman Ko Bhi Seene Se

JAGJIT SINGH, SAGAR AAZMI

दुश्मन को भी सिने से लगाना नहीं भूले
दुश्मन को भी सिने से लगाना नहीं भूले
हम अपने बुज़ुर्गो का जमाना नहीं भूले
दुश्मन को भी सिने से लगाना नहीं भूले

तुम आंखों की बरसात बचाए रखना
तुम आंखों की बरसात बचाए रखना
कुछ लोग अभी आग लगाना नहीं भूले
कुछ लोग अभी आग लगाना नहीं भूले
दुश्मन को भी सिने से लगाना नहीं भूले

ये बात अलग हाथ कलाम हो गए अपने
ये बात अलग हाथ कलाम हो गए अपने
हम आपकी तस्वीर बनाना नहीं भूले
हम आपकी तस्वीर बनाना नहीं भूले
हम अपने बुज़ुर्गो का जमाना नहीं भूले
दुश्मन को भी सिने से लगाना नहीं भूले

इक उमर हुई मैं तो हांसी भूल चुका हूं
इक उमर हुई मैं तो हांसी भूल चुका हूं
तुम अब भी मेरे दिल तो दुखाना नहीं भूले
तुम अब भी मेरे दिल तो दुखाना नहीं भूले
दुश्मन को भी सिने से लगाना नहीं भूले
हम अपने बुज़ुर्गो का जमाना नहीं भूले
दुश्मन को भी सिने से लगाना नहीं भूले

Curiosités sur la chanson Dushman Ko Bhi Seene Se de Jagjit Singh

Quand la chanson “Dushman Ko Bhi Seene Se” a-t-elle été lancée par Jagjit Singh?
La chanson Dushman Ko Bhi Seene Se a été lancée en 2010, sur l’album “Mirage - Jagjit Singh”.
Qui a composé la chanson “Dushman Ko Bhi Seene Se” de Jagjit Singh?
La chanson “Dushman Ko Bhi Seene Se” de Jagjit Singh a été composée par JAGJIT SINGH, SAGAR AAZMI.

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