Kaise Kaise Haadse Sahte Rahe

JAGJIT SINGH, WAJIDA TABASSUM

कैसे कैसे हादसे सहते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे
फिर भी हम जीते रहे हँसते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे

उसके आ जाने की उम्मीदें लिए
उसके आ जाने की उम्मीदें लिए
उसके आ जाने की उम्मीदें लिए
रास्ता मुड़ मुड़ के हम तकते रहे
रास्ता मुड़ मुड़ के हम तकते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे

वक़्त तो गुज़रा मगर कुछ इस तरह
वक़्त तो गुज़रा मगर कुछ इस तरह
वक़्त तो गुज़रा मगर कुछ इस तरह
हम चराग़ों की तरह जलते रहे
हम चराग़ों की तरह जलते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे

कितने चेहरे थे हमारे आस-पास
कितने चेहरे थे हमारे आस-पास
कितने चेहरे थे हमारे आस-पास
तुम ही तुम दिल में मगर बसते रहे
तुम ही तुम दिल में मगर बसते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे
फिर भी हम जीते रहे हँसते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे

Curiosités sur la chanson Kaise Kaise Haadse Sahte Rahe de Jagjit Singh

Quand la chanson “Kaise Kaise Haadse Sahte Rahe” a-t-elle été lancée par Jagjit Singh?
La chanson Kaise Kaise Haadse Sahte Rahe a été lancée en 1997, sur l’album “In Search”.
Qui a composé la chanson “Kaise Kaise Haadse Sahte Rahe” de Jagjit Singh?
La chanson “Kaise Kaise Haadse Sahte Rahe” de Jagjit Singh a été composée par JAGJIT SINGH, WAJIDA TABASSUM.

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