Mujhse Bichhad Ke Khush Rehte Ho

Dr. Bashir Badr

मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो

इक टहनी पर चाँद टिका था
इक टहनी पर चाँद टिका था
मैंने ये समझा तुम बैठे हो
मैंने ये समझा तुम बैठे हो
मैंने ये समझा तुम बैठे हो

उजले उजले फूल खिले थे
उजले उजले फूल खिले थे
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो

मुझ को शाम बता देती है
मुझ को शाम बता देती है
तुम कैसे कपड़े पहने हो
तुम कैसे कपड़े पहने हो
तुम कैसे कपड़े पहने हो

तुम तन्हा दुनिया से लडोगे
तुम तन्हा दुनिया से लडोगे
बच्चों सी बातें करते हो
बच्चों सी बातें करते हो
बच्चों सी बातें करते हो
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो

Curiosités sur la chanson Mujhse Bichhad Ke Khush Rehte Ho de Jagjit Singh

Qui a composé la chanson “Mujhse Bichhad Ke Khush Rehte Ho” de Jagjit Singh?
La chanson “Mujhse Bichhad Ke Khush Rehte Ho” de Jagjit Singh a été composée par Dr. Bashir Badr.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Jagjit Singh

Autres artistes de World music