Rishton Mein Daraar

Naqsh Lyallpuri

रिश्तों में दरार आयी

रिश्तों में दरार आयी

बेटे ना रहे बेटे, भाई ना रहे भाई
रिश्तों में दरार आयी

परखा है लहू अपना, भरता है ज़माने को
तूफ़ान में कोई भी, आया ना बचाने को
साहिल पे नज़र आए
साहिल पे नज़र आए, कितने ही तमाशाई
रिश्तों में दरार आयी

ढूँढे से नहीं मिलता, राहत का जहाँ कोई
टूटे हुए ख़्वाबों को, ले जाए कहाँ कोई
हर मोड़ पे होती है
हर मोड़ पे होती है, एहसास की रूसवाई
रिश्तों में दरार आयी

ज़ख़्मों से खिली कलीयाँ, अश्क़ों से खिली शबनम
पतझड़ के दरीचे से, आया है नया मौसम
रातों की स्याही से
रातों की स्याही से, ली सुबहो ने अंगड़ाई

Curiosités sur la chanson Rishton Mein Daraar de Jagjit Singh

Qui a composé la chanson “Rishton Mein Daraar” de Jagjit Singh?
La chanson “Rishton Mein Daraar” de Jagjit Singh a été composée par Naqsh Lyallpuri.

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