Shaam Se Aankh Mein Nami Si Hai

JAGJIT SINGH

शाम से आँख में नमी सी है
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
शाम से आँख में नमी सी है

दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले

दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
इसकी आदत भी आदमी सी है
इसकी आदत भी आदमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है

कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी

कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
एक तसलीम लाज़मी सी है
एक तसलीम लाज़मी सी है
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है

Curiosités sur la chanson Shaam Se Aankh Mein Nami Si Hai de Jagjit Singh

Sur quels albums la chanson “Shaam Se Aankh Mein Nami Si Hai” a-t-elle été lancée par Jagjit Singh?
Jagjit Singh a lancé la chanson sur les albums “Alfaaz” en 2008, “Jazbaat” en 2008, et “Jagjit Singh : Forever Remembered” en 2013.
Qui a composé la chanson “Shaam Se Aankh Mein Nami Si Hai” de Jagjit Singh?
La chanson “Shaam Se Aankh Mein Nami Si Hai” de Jagjit Singh a été composée par JAGJIT SINGH.

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