Yeh Zindagi

Muqtida Hasan Nida Fazli, Jagjit Singh

ये ज़िंदगी ये ज़िंदगी
ये ज़िंदगी आज जो तुम्हारी
बदन की छ्होटी-
बड़ी नसों में मचल रही है
तुम्हारे पैरों से चल रही है
ये ज़िंदगी ये ज़िंदगी
तुम्हारी आवाज़ में
गले से निकल रही है
तुम्हारे लफ़्ज़ों में ढाल रही है
ये ज़िंदगी ये ज़िंदगी
ये ज़िंदगी
जाने कितनी सदियों
से यूउन ही शक़लेन
बदल रही है
ये ज़िंदगी ये ज़िंदगी
बदलती शक़लेन बदलते जिस्मों
में चलता-फिरता ये इक शरारा
जो इस घड़ी नाम है तुम्हारा
इसी से सारी चहल-पहल है
इसी से रोशन है हर नज़ारा
सितारे तोडो या घर बसाओ
क़लम उठाओ या सर झूकाओ
तुम्हारी आँखों की रोशनी तक
है खेल सारा
ये खेल होगा नहीं दुबारा
ये खेल होगा नहीं दुबारा
ये खेल होगा नहीं दुबारा

Curiosités sur la chanson Yeh Zindagi de Jagjit Singh

Qui a composé la chanson “Yeh Zindagi” de Jagjit Singh?
La chanson “Yeh Zindagi” de Jagjit Singh a été composée par Muqtida Hasan Nida Fazli, Jagjit Singh.

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