Dhal jaun Main

Manoj Muntashir

तेरे बिना जीना क्या
तेरे बिना जीना क्यूँ
तेरे बिना जीना क्या
तेरे बिना जीना क्यूँ
तुझे कैसे बताऊं यारा
तेरे बिन मुझपे क्या गुज़रे
वो ज़िंदगी है ही नही
जो तुझसे जुदा गुज़रे
ढल जाऊ मैं तुझमे
घुल जाऊ मैं तुझमे
मिल जाऊ मैं तुझमे यारा

ढल जाऊ मैं तुझमे
घुल जाऊ मैं तुझमे
मिल जाऊ मैं तुझमे यारा यारा

कहीं से भी चलूं मैं
कहीं से गुज़ृु मैं
तुझी से आ मिलूं मैं यारा ओ
ज़रा सा सरफिरा हूँ
ज़रा सा बावरा हूँ
जैसा भी हूँ तेरा हूँ यारा
तेरी पलकों तले मेरी साँस चले
मेरी साँस चले तेरे दम से
ढल जाऊ मैं तुझमे
घुल जाऊ मैं तुझमे
मिल जाऊ मैं तुझमे यारा
ढल जाऊ मैं तुझमे
घुल जाऊ मैं तुझमे
मिल जाऊ मैं तुझमे यारा यारा

तू काग़ज़ों पे दिल के
लिखा हुआ है तब से
दुनिया में हूँ मैं जबसे यारा
तू मेरा हो चुका है
दिल फिर भी माँगता है
हर लम्हा तुझको रब् से यारा
मेरा तेरे सिवा कोई और नही
तू ना होना खफा कभी मुझसे
ढल जाऊ मैं तुझमे
घुल जाऊ मैं तुझमे
मिल जाऊ मैं तुझमे यारा
ढल जाऊ मैं तुझमे
घुल जाऊ मैं तुझमे
मिल जाऊ मैं तुझमे यारा यारा

Curiosités sur la chanson Dhal jaun Main de Jubin Nautiyal

Qui a composé la chanson “Dhal jaun Main” de Jubin Nautiyal?
La chanson “Dhal jaun Main” de Jubin Nautiyal a été composée par Manoj Muntashir.

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