Govind Bolo
बोल बोल के थक गये तुम
दुनिया के सारे बोल
बोल बोल के थक गये तुम
बोल बोल के थक गये तुम
दुनिया के सारे बोल
साँसों में जपले कान्हा
धडकन में राधे बोल
गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो
गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो
राधा रमण हरी गोविन्द बोलो
बोलो बोलो बोलो गोविंदा
बोलो बोलो बोलो गोपाला
बोलो बोलो बोलो गोविंदा
बोलो बोलो बोलो गोपाला
हाँ हाँ हाँ हम्म
बनवासी तन में मीरा
ढूँढे वृन्दावन का अँगना
राधा की प्यासी आँखों से
छलके श्याम नाम की यमुना
बनता है क्यूँ तू पगले
खुद ही खुद की बाधा
तू भी ढून्ढ ले खुद में
जा के कोई मीरा कोई राधा
यार बना ले उस रब को
जो पार लगता है सबको
वो चाहे तो मिल जाए
जग के सारे गोल
बोल बोल बोल बोल बोल बोल बोल
गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो
राधा रमण हरी गोविन्द बोलो
गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो
राधा रमण हरी गोविन्द बोलो
बोलो बोलो बोलो गोविंदा
बोलो बोलो बोलो गोपाला
बोलो बोलो बोलो गोविंदा
बोलो बोलो बोलो गोपाला