Aashiq Hoon Baharon Ka
नहीं देखा कभी पहले
कभी पहले नहीं देखा
ये फूल है किन गुलझारो का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
नहीं देखा कभी पहले
कभी पहले नहीं देखा
ये फूल है किन गुलझारो का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मुझे जो पसंद हो मैं छोड़ता नहीं
पर डरो मत फूलो को मैं तोड़ता नहीं
मुझे जो पसंद हो मैं छोड़ता नहीं
पर डरो मत फूलो को मैं तोड़ता नहीं
मुझको खबर है कि तुमसी नाजुक कलिया
छूने से शरमा जाती है
ये है आदत मेरी बिना मतलब के
ये नज़रे किसी चेहरे पे यूँही रुक जाती है
यूँही रुक जाती है
नहीं दिल में मेरे कुछ मेरे
मुझे शौक है सिर्फ नजारो को
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
तुमसी हसीनो की हो ख़ाक कदर
हम लोग रंग रूप को न देखे अगर
तुमसी हसीनो की हो ख़ाक कदर
हम लोग रंग रूप को न देखे अगर
जिसकी तरफ कोई देखता नहीं पूछो उस से
कितनी तकलीफ होती है
जल जाता है वो दिल ही दिल में
जब सामने उनके औरो की तारीफ होती है
तारीफ होती है तो लट उलझी सुलझा दू
मतलब है ये मेरे इशारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
नहीं देखा कभी पहले
कभी पहले नहीं देखा
ये फूल है किन गुलझारो का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का