Apni Laila Ka Jo
भारत की इक नारी की
हम कथा सुनाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
भारत की इक नारी की
हम कथा सुनाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
चुप लोगो इसके
हाल पे तरस खाओ
हानिसको इसकी
लैला से फ़ौरन मिलाओ
हाँ
सच्ची मोहब्बत
करने वालो की शादी कराओ
हाँ अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
सोचो तुम सोचे हम
सोचो तुम सोचे हम
यह दोनों चोरी चोरी
आपस में मिलते थे हाँ
गलत अरे गधो प्रसाद
हम दोड़नो सब की मंजूरी
से मिलते थे हाँ
चुप यह मिलाता हुवा देख इन्हें
घरवाले खिलते थे हाँ
इसी गाँव की वह एक लड़की है
जिसे मैंने प्यार किया
हो मैंने उसको उसने मुझको
दिल से स्वीकार किया या सर
जाए या जान जाए
प्या न दिल से जाएगा
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएग
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
सोचो तुम सोचे हम
सोचो तुम सोचे हम
हरी ओम हरी ओम
ऊपर से बनके आया हैं
इन् दोनों का जोड़ा हाँ
किस जालिम के कहने पर
लड़की ने मिलाना छोड़ा हाँ
कौन है वह जल्लाद के
जिसने इस जोड़ी को तोड़ा हाँ
हो ओ ओ…शहनाई की
जब बेला आयी
लड़की ने दिया धोखा
हो लड़की का पिता दीवार बना
मिलाने से हमें रोका
यह हमको मिटा या हमको मिला
प्यार बिन जिया न जाएगा
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
सोचो तुम सोचे हम
सोचो तुम सोचे हम
हो ओ ओ तूने संग
मेरे न लिएफेरे
तोह अनहोनी कर जाऊँगा
हो ओ ओ टकराके सार या पी के ज़हर
तेरी चौखट पे मर जाऊँगा
अब्ब देर न कर आ जाने जिगर
दिलनाजुदायी सह पायेगा
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
सोचो तुम सोचे हम
सोचो तुम सोचे हम
होय अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा
अपनी लैला का
जो प्यार नहीं पायेगा
एक नया मजनू
जहाँ से चला जाएगा