Bhadak Uthi Hai Dil Men

BAPPI LAHIRI, SHAILY SHAILENDRA

भड़क भड़क भड़क भड़क उठी है
कहाँ दिल दिल में दिल में दिल में

भड़क उठी है दिल में
मेरी जां आग कैसी
भड़क उठी है दिल में
मेरी जां आग कैसी
भड़क उठी है दिल में
मेरी जां आग कैसी
लगे है हर हसीना
मुझे अब तेरे जैसी
लगे है हर हसीना
मुझे अब तेरे जैसी
भड़क उठी है दिल में
मेरी जां आग कैसी

अरे हवलवार तू तो
धरमवीर का धरम बन गया
हाँ बन तो गया
रात या दिन शाम और सुबह
रहेना हैं संग ऐ दिलरुबा
जाना नहीं अब छोड़ कर
मुझको कही महबूबा
लगे है हर हसीना
मुझे अब तेरे जैसी
लगे है हर हसीना
मुझे अब तेरे जैसी
भड़क उठी है दिल में
मेरी जां आग कैसी

अंटोनी तू कितो बरो दिसता
हाय प्रीटी बर्ड
देखो मेरी दीवानगी
आए नज़र तू हर कहीं(हाँहाँहाँहाँ हाँहाँहाँहाँ)
अब तो सनम कानों में भी
गूजे तेरी भोली हंसी
लगे है हर हसीना
मुझे अब तेरे जैसी
भड़क उठी है दिल में
मेरी जां आग कैसी
लगे है हर हसीना
मुझे अब तेरे जैसी

Curiosités sur la chanson Bhadak Uthi Hai Dil Men de Kishore Kumar

Qui a composé la chanson “Bhadak Uthi Hai Dil Men” de Kishore Kumar?
La chanson “Bhadak Uthi Hai Dil Men” de Kishore Kumar a été composée par BAPPI LAHIRI, SHAILY SHAILENDRA.

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