Ganga Ghat Ka Pani Piya Hai
बोल सियावर रामचंद्र की जे
पावणासूत हनुमान की जे
हर हर महादेव की जे
पार्वती के पति भगवती
पांडेज़ी की जे
गंगा घाट का पानी पिया है
गंगा घाट का पानी पिया है
सबको मैं पानी पीला दूँगा
गंगा घाट का पानी पिया है
सबको मैं पानी पीला दूँगा
मुझको भला समझते हो क्या
तुम्हे हरिद्वार पहुँचा दूँगा
गंगा घाट का पानी पिया है
अब सबको मैं पानी पीला दूँगा
प्यार की बानी बोलने वाला
बन जाए एक तमाशा
इस दुनिया में तो चलती है
बस लाठी की भाषा
प्यार की बानी बोलने वाला
बन जाए एक तमाशा
इस दुनिया में तो चलती है
बस लाठी की भाषा
कौन है तोला कौन है माशा
ये भेद अभी समझा दूँगा
गंगा घाट का पानी पिया है
अब सबको मैं पानी पीला दूँगा
दो शब्दो में कह देता हूँ
इस दुनिया की कहानी
भोले को जाग मूर्ख समझे
और चतुर को ज्ञानी
दो शब्दो में कह देता हूँ
इस दुनिया की कहानी
भोले को जाग मूर्ख समझे
और चतुर को ज्ञानी
भोला हूँ मैं निर्बल नही
दिन में भी तारे दिखा दूँगा
गंगा घाट का पानी पिया है
अब सबको मैं पानी पीला दूँगा
तुमको सब कुच्छ नया मुबारक़
हमको वही पुराना
देखो गोरी उमर है बाली उमारिया
सोच के पावं बढ़ाना
तुमको सब कुच्छ नया मुबारक़
हमको वही पुराना
देखो गोरी उमर है बाली उमारिया
सोच के पावं बढ़ाना
वो तो मिट एक रात के मैं तो
संग संग उमर बिता दूँगा
गंगा घाट का पानी पिया है
अब सबको मैं पानी पीला दूँगा
मुझको भला समझते हो क्या
तुम्हे हरिद्वार पहुँचा दूँगा
गंगा घाट का पानी पिया है
अब सबको मैं पानी पीला दूँगा