Hawa Pichhle Pahar
हवा पिछले पहर
जब दूर शहनाई बजाती है
मुझे एक बार फिर अपनी मोहब्बत याद आती है
मुझे एक बार फिर अपनी मोहब्बत याद आती है
मुझे एक बार
चमकता एक तारा चाँद के पहलू में चलता है
मेरा सोया हुआ दिल एक करवट भी बदलता है
मुझे एक बार फिर अपनी मोहब्बत याद आती है
मुझे एक बार
मिला कर मुँह से मुँह साहिल से जब मौजे गुजरती है
मेरे सीने में मुद्दत की दबी चोटे उभरती है
मुझे एक बार फिर अपनी मोहब्बत याद आती है
मुझे एक बार
धड़कते दिल में फिर से प्यार के अरमान उठते है
चले आओ के दिल में सैकड़ो तूफान उठ ते है
अरे तूफान उठ ते है अरे तूफान उठ ते है