Jeevan Sukh Dukh Ka

RAVINDRA JAIN

हसते हसाते रहो
खुशियां लुटाते रहो
हसते हसाते रहो
खुशियां लुटाते रहो
घम को छुपाते रहो
ये गीत गाते रहो
जीवन सुख दुःख का
एक संगम हैं
जीवन सुख दुःख का
एक संगम हैं
दुःख थोड़ा ज्यादा हैं ओ ओ ओ
दुःख थोड़ा ज्यादा हैं
सुख थोड़ा कम हैं
जीवन सुख दुःख का
एक संगम हैं
जीवन सुख दुःख का
एक संगम हैं

अभी इस बगिया में
रुत हैं ख़ुशी की

ओ ओ ओ ओ ओ
अभी इस बगिया में रुत हैं ख़ुशी की
दिल में सभी की चाहत सभी की

आओ दुआ मिल कर ये मांगे
आओ दुआ मिल कर ये मांगे
ख़ुशी को लगे न नज़र किसी की
ख़ुशी को लगे न नज़र किसी की
मांगने का पाने का ओ ओ (मांगने का पाने का ओ ओ)
मांगने का पाने का (मांगने का पाने का)
यही मौसम हैं (यही मौसम हैं)
जीवन सुख दुःख का (जीवन सुख दुःख का)
एक संगम हैं (एक संगम हैं)
जीवन सुख दुःख का (जीवन सुख दुःख का)
एक संगम हैं (एक संगम हैं)

दुःख के दिन कह कर नहीं आते
हो ओ ओ ओ
दुःख के दिन कह कर नहीं आते
सुख के पल जाने कब उड़ जाते
सुख दुःख चलते हैं आगे पीछे
सुख दुःख चलते हैं आगे पीछे
जब जो मिले उसे रहो अपनाते
जब जो मिले उसे रहो अपनाते
होठ कभी हस्ते हैं हो
होठ कभी हस्ते हैं
आँख कभी नम हैं

जीवन सुख दुःख का
एक संगम हैं

जीवन सुख दुःख का
एक संगम हैं

दुःख थोड़ा ज्यादा हैं ओ ओ
दुःख थोड़ा ज्यादा हैं (दुःख थोड़ा ज्यादा हैं)
सुख थोड़ा कम हैं (सुख थोड़ा कम हैं)
जीवन सुख दुःख का (जीवन सुख दुःख का)
एक संगम हैं (एक संगम हैं)
जीवन सुख दुःख का (जीवन सुख दुःख का)
एक संगम हैं.(एक संगम हैं)

Curiosités sur la chanson Jeevan Sukh Dukh Ka de Kishore Kumar

Qui a composé la chanson “Jeevan Sukh Dukh Ka” de Kishore Kumar?
La chanson “Jeevan Sukh Dukh Ka” de Kishore Kumar a été composée par RAVINDRA JAIN.

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