Khile Na Kagaz Ka Kabhi Phool

Inderjeet Singh Tulsi

हम्म हम्म हम्म हम्म
ला ला ला ला ला ला ला
खिले ना काग़ज़ का कभी फूल
बुराई उड़ती बनकर धूल
फ़िज़ा मे फूल खिलाना है
के जीवन को महकाना है
खिले ना काग़ज़ का कभी फूल

सौ बातो की एक बात है
बात सुनो रे भैया
सच का बेड़ा पार लगे है
झूठ की डूबे नैया
जो है सच्चा एक इंसान है उसकी
मुठ्ठी मे भगवान
के मन को ये समझाना है
दुखो मे भी मुस्काना है
खिले ना काग़ज़ का कभी फूल

टूटे तारे अपने पीछे
जाए छोड़ लकीरे
मिटते मिटते बन जाती है
मेहनत से तकदीरे
लेके सूरज अपने साथ
चाँद के हाथ मे देकर हाथ
अंधेरा दूर हटाना है
सवेरा ढूंढ के लाना है
खिले ना काग़ज़ का कभी फूल
बुराई उड़ती बनकर धूल
फ़िज़ा मे फूल खिलाना है
के जीवन को महकना है
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

Curiosités sur la chanson Khile Na Kagaz Ka Kabhi Phool de Kishore Kumar

Qui a composé la chanson “Khile Na Kagaz Ka Kabhi Phool” de Kishore Kumar?
La chanson “Khile Na Kagaz Ka Kabhi Phool” de Kishore Kumar a été composée par Inderjeet Singh Tulsi.

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