Mukhde Pe Gesu Aa Gaye

C. RAMACHANDRA, QAMAR JALALABADI

मुखड़े पे गेसू आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
चंदा पे बदल छा गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर

आज हुँने रूप देखा चाँदनी के बेश मे
एक परदेशी बेचारा लूट गया परदेश मे
एक परदेशी बेचारा लूट गया परदेश मे
दिल के डुस्मान आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
मुखड़े पे गेसू आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर

तुझको मलिक ने बनाया खास अपने हाथ से
सुबह से मुखड़ा बनाया ओर जुल्फे रत से
सुबह से मुखड़ा बनाया ओर जुल्फे रत से
फूल खिलकर आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
मुखड़े पे गेसू आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर

ले गयी दिल ले गयी तेरी नज़र की सोकिया
तेरी नज़र की सोकिया
आ मेरी आँखो मे पढ़ मे आरज़ू की दस्ता
दिल के अरमान आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
मुखड़े पे गेसू आ गये

Curiosités sur la chanson Mukhde Pe Gesu Aa Gaye de Kishore Kumar

Quand la chanson “Mukhde Pe Gesu Aa Gaye” a-t-elle été lancée par Kishore Kumar?
La chanson Mukhde Pe Gesu Aa Gaye a été lancée en 1968, sur l’album “Mukhde Pe Gesu Aa Gaye”.
Qui a composé la chanson “Mukhde Pe Gesu Aa Gaye” de Kishore Kumar?
La chanson “Mukhde Pe Gesu Aa Gaye” de Kishore Kumar a été composée par C. RAMACHANDRA, QAMAR JALALABADI.

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