Zara Ruk Ja Oh Albeli

Asad Bhopali

आ आ
रुक जा ओ जाने जा
रुक जा
रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा
ये जेठ की चंचल धूप है
तेरा मस्त अछूता रूप है
रंग ढल जाएगा पाव थक जाएँगे
आ तुझको उठा लू बाहों मे
रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा
रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा

हाय जल्दी जल्दी चलने से राहो मे मचलने से
ठोकर लग जाएगी ओ जाने जा ओ जाने जा
प्यार का सलाम ले हाथ मेरा थाम ले
मंज़िल नज़र आएगी ओ जाने जा ओ जाने जा
ऐसे अकेली जाएगी कहा
रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा
ओ रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा

हाय गालो पे पसीने की नन्ही नन्ही बूँदो के
तारे झील मिलाते है तौबा है जी तौबा है
उड़ते हुए केसु भी कलियो जैसे होठो को
चूमे चले जाते है तौबा है जी तौबा है
फिर भी है मेरे दिल पे बिजलिया
रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा
रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा

हाय हाय हाथो को झटकने से पाओं को पटकने से
नही कोई फ़ायदा नाजनी ओ नाजनी
दिल की बात कहना है साथ साथ रहना है
दिल जलो का फायदा है नाजनी ओ नाजनी
सुन ले तू मेरे दिल की दास्ताँ
रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा
ओ रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा
ये जेठ की चंचल धूप है
तेरा मस्त अछूता रूप है
रंग ढल जाएगा पाव थक जाएँगे
आ तुझको उठा लू बाहों मे
रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा
रुक जा ओ अलबेली ज़रा रुक जा

Curiosités sur la chanson Zara Ruk Ja Oh Albeli de Kishore Kumar

Qui a composé la chanson “Zara Ruk Ja Oh Albeli” de Kishore Kumar?
La chanson “Zara Ruk Ja Oh Albeli” de Kishore Kumar a été composée par Asad Bhopali.

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