Abke Na Sawan Barse [Revival]

Gulzar, R D Burman

हो अब के ना सावन बरसे
अब के ना सावन बरसे
हो अब के बरस तो बरसेंगी अँखियाँ
अब के ना सावन बरसे
हो अब के बरस तो बरसेंगी अँखियाँ
अब के ना सावन बरसे

जाने कैसे अबके ये मौसम बीते
आ आ आ आ
जाने कैसे अबके ये मौसम बीते
बितेगी जो तेरे बिन वो कम बीते
तेरे बिना सावन सूने
तेरे बिना अब तो ये मन तरसे
अब के ना सावन बरसे
हो अब के बरस तो बरसेंगी अँखियाँ
अब के ना सावन बरसे

जाने कब आये दिन दिन ढल जाये
दिन ढल जाये
जाने कब आये दिन दिन ढल जाये
तेरे बिन अँखियों से रात ना जाये
तेरे बिना रात ना जाये
तेरे बिना अब तो ये दिन तरसे
अब के ना सावन बरसे
हो अब के बरस तो बरसेंगी अँखियाँ
अब के ना सावन बरसे

Curiosités sur la chanson Abke Na Sawan Barse [Revival] de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Abke Na Sawan Barse [Revival]” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Abke Na Sawan Barse [Revival]” de Lata Mangeshkar a été composée par Gulzar, R D Burman.

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