Bahut Din Huye Taron Ke Desh Men [Female]

SHAILENDRA, Ravi Pandit Shankar

समां अलबेला दिन है मिलन के
प्रीत लेके आये देखो मीत मेरे मन के
समां अलबेला दिन है मिलन के
प्रीत लेके आये देखो मीत मेरे मन के
समा अलबेला

पिया पिया गाये जिया नाचे मन मोरा
पिया पिया गाये जिया नाचे मन मोरा
मेरी उनकी जोड़ी जैसे चाँद और चकोरा
नैनों में छुपाये फिरे सपने साजन के
समां अलबेला दिन है मिलन के
प्रीत लेके आये देखो मीत मेरे मन के
समा अलबेला

जिन्हे मैने दिल दिया वो भी रहे मेरे
जिन्हे मैने दिल दिया वो भी रहे मेरे
मन में मनाऊं मैं सांझ और सवेरे
जीते जी ना छूटेंगे ये बंधन जीवन के
हो समां अलबेला दिन है मिलन के
प्रीत लेके आये देखो मीत मेरे मन के
समा अलबेला

जैसे उनके अच्छे दिन फिर से लौट आये

हा फिर से लौट आये

मालिक ऐसे सबकी सुने सबके दिन लौटाए

मालिक ऐसे सबकी सुने सबके दिन लौटाए
हाँ हाँ सबके दिन लौटाए
हाँ हाँ सबके दिन लौटाए
सबके दिन लौटाए सबके दिन लौटाए
सबके दिन लौटाए सबके दिन लौटाए

Curiosités sur la chanson Bahut Din Huye Taron Ke Desh Men [Female] de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Bahut Din Huye Taron Ke Desh Men [Female]” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Bahut Din Huye Taron Ke Desh Men [Female]” de Lata Mangeshkar a été composée par SHAILENDRA, Ravi Pandit Shankar.

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