Chupke Chupke Ham Palkon Mein

Dr Bhupen Hazarika, Gulzar

चुपके चुपके चुपके हम
पॅल्को में कितनी सदियो से रहते हैं
आ डुबके देखे नीले से सागर
में कैसे बहते हैं
आ जाना डुबके देखेंगे

आँखो की झीले छ्होटी हैं
इनमे च्छूपना रे लुकना क्या
जब चड़ती धूप में जलना हैं
तो पल भर च्चव में रुकना क्या
चुपके चुपके चुपके हम
पॅल्को में कितनी सदियो से रहते हैं

जो सोचा हैं वो झुत नहीं
महसूस किया जो पास नहीं
हम रूहे की आग में जलते हैं
ये जिस्म का झुता ताप नहीं
ना क़ैद उजाले होते हैं
ना खुश्बू बंद हो पति हैं
क्या मार सका हैं कोई हवा
जो सांस है आती जाती हैं
चुपके चुपके चुपके हम
पॅल्को में कितनी सदियो से रहते हैं
आ डुबके देखे नीले से सागर
में कैसे बहते हैं
आ जाना डुबके देखेंगे.

Curiosités sur la chanson Chupke Chupke Ham Palkon Mein de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Chupke Chupke Ham Palkon Mein” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Chupke Chupke Ham Palkon Mein” de Lata Mangeshkar a été composée par Dr Bhupen Hazarika, Gulzar.

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