Dard - E - Jigar Thahr Zara
दर्द ए जिगर ठहर ज़रा
दर्द ए जिगर ठहर ज़रा
दम तो मुझे लेने दे
दम तो मुझे लेने दे
जिसने मिटाया है मुझे
उसको दुआ देने दे
उसको दुआ देने दे
दर्द ए जिगर ठहर ज़रा
दिल की लगी क्या है जान लो तो बहुत अच्छा हो
मैं जो घुट घुट के जान दूँ तो बहुत अच्छा हो
मैं जो घुट घुट के जान दूँ तो बहुत अच्छा हो
कल जहा बसाया था
कल जहा बसाया था
आज मिटा लेने दे आज मिटा लेने दे
दर्द ए जिगर ठहर ज़रा
मेरी बर्बाद मोहब्बत
न कर किसी से गिला
न कर किसी से गिला
वफ़ा का इस जहाँ में है तो बस यही है सिला
वफ़ा का इस जहाँ में है तो बस यही है सिला
हो यही है सिला
ऐ मेरी लगी तू मुझे
ऐ मेरी लगी तू मुझे
अपनी सजा लेने दे अपनी सजा लेने दे
दर्द ए जिगर ठहर ज़रा
बूत न जगे मेरी मायूस सदा लौट आई
लिपट के मुझसे रो रही है मेरी तनहाई
लिपट के मुझसे रो रही है मेरी तनहाई
कब तलक जले ये शमा
कब तलक जले ये शमा
अब तो बुझा लेने दे
अब तो बुझा लेने दे
दर्द ए जिगर ठहर ज़रा
दर्द ए जिगर ठहर ज़रा