Dekha Ek Khwab [Silsila]
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
धडकनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ की शर्म से हैं लब सिले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए