Dheere Se Gagri Utar Re
हो धीरे से गगरी उतार रे
मेरा धूल धूल जाए सिंगार
हो धीरे से गगरी उतार रे
मेरा धूल धूल जाए सिंगार
हो धीरे से गागरी उतार
छल छल छलके मेरी गगरिया
नैनं बरसे धार रे
छल छल छलके मेरी गगरिया
नैनं बरसे धार रे
ज्यूँ ज्यूँ भीगे रे मेरी भीनी चुनरिया
त्यूं त्यूं बाढ़े भार रे
मेरा धूल धूल जाए सिंगार
हो धीरे से गागरी उतार
बन में बोलि काली कोयलिया
मन में मची है पुकार हो
तन में लगी रे मेरे बिरहा की अगिया
जल गया सब गुलज़ार रे
मेरा धूल धूल जाए सिंगार
हो धीरे से गागरी उतार
परबत पे मेरे पि की नगरिया
नैहर नदिया पार रे
परबत पे मेरे पि की नगरिया
नैहर नदिया पार रे
प्राणों से भारी मेरे सिर की गगरिया
जाना है कोस हज़ार रे
मेरा धूल धूल जाए सिंगार
हो धीरे से गागरी उतार