Ham Chup Hain
हम चुप हैं के दिल सुन रहे हैं
धड़कनों को आहटों को
साँसे रुक सी गयी हैं
हम चुप हैं के दिल सुन रहे हैं
जीने को जीते तो हम रहे
किस तरह जिये, किस लिए जिये
केहने को हम तुमसे दूर थे
बुझ नहीं सके यादों के दिये
हाल अपना, क्या सुनाएं
सासें रुक सी गयी है
हम चुप है के दिल सुन रहे हैं