Hawa Hai Sard Sard Aur Dil Me Bhi Hai Dard

Chitalkar Ramchandra, Rajendra Krishan

हवा है सर्द सर्द और दिल में भी है दर्द
बरसी है कहीं आज घटा
हवा है सर्द सर्द और दिल में भी है दर्द
बरसी है कहीं आज घटा

मौसम का रंग है अजीब बुल्बुल से फूल है करीब
मौसम का रंग है अजीब बुल्बुल से फूल है करीब
आये बहार के कदम जागा है बाग का नसीब
आये बहार के कदम जागा है बाग का नसीब
सुनके घटा का शोर जंगल में नाचा मोर
बरसी है कहीं आज घटा

ठण्डी हवा के साथ साथ दिल में ये आ रही है बात
ठण्डी हवा के साथ साथ दिल में ये आ रही है बात
जाऊँ यहां से दूर दूर हातों में लेके उनका हाथ
जाऊँ यहां से दूर दूर हातों में लेके उनका हाथ
मचला हुआ है दिल ऐसे में आके मिल
बरसी है कहीं आज घटा
हवा है सर्द सर्द और दिल में भी है दर्द
बरसी है कहीं आज घटा

Curiosités sur la chanson Hawa Hai Sard Sard Aur Dil Me Bhi Hai Dard de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Hawa Hai Sard Sard Aur Dil Me Bhi Hai Dard” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Hawa Hai Sard Sard Aur Dil Me Bhi Hai Dard” de Lata Mangeshkar a été composée par Chitalkar Ramchandra, Rajendra Krishan.

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