Hawa Hai Sard Sard

Majrooh Sultanpuri

हवा है सर्द सर्द और
दिल में भी है दर्द
भड़ती है यू आज गाता
हवा है सर्द सर्द और
दिल में भी है दर्द
भड़ती है यू आज गाता

मौसम के रंग है अजीब
बुलबुल के फूल है करीब
मौसम के रंग है अजीब
बुलबुल के फूल है करीब
आए है बाहर के कदम
जगा है बाग का नसीब
आए है बाहर के कदम
जगा है बाग का नसीब
सुन के गाता का शोर
जुंगल में नाचा मोर
भड़ती है कही आज गाता
ठंडी हवा के साथ साथ
दिल मे ये आ रही है बात
ठंडी हवा के साथ साथ
दिल मे ये आ रही है बात
जौ यहा से दूर दूर
हाथ मे लेके इंतिहा
जौ यहा से दूर दूर
हाथ में लेके इंतिहा
मचला हुआ है
ऐसे में आ के मिल
भड़ती है कही आज गाता
हवा है सर्द सर्द और
दिल मे भी है दर्द
भड़ती है कही आज गाता

Curiosités sur la chanson Hawa Hai Sard Sard de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Hawa Hai Sard Sard” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Hawa Hai Sard Sard” de Lata Mangeshkar a été composée par Majrooh Sultanpuri.

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