Ik Aas Bandhaye Jaati Hai
इक आस बँधाए जाती हैं
इक आस मिटाए जाती हैं
उम्मीद के रंगीन झूले में
तक़दीर झूलाए जाती हैं
तक़दीर झूलाए जाती हैं
आबाद किया था जिस दिल को
कर डाला फिर बर्बाद उससे
इस तरह किया के घूम के सिवा
कुछ और रहा ना याद उससे
जिस दिल में प्यार बसाया था
इक दर्द बसाए जाती हैं
इक दर्द बसाए जाती हैं
उम्मीद के रंगीन झूले में
तक़दीर झूलाए जाती हैं
तक़दीर झूलाए जाती हैं
आशा की सच्ची कलिओं को
आशा की सच्ची कलिओं को
खिलने से पहेले पीं लिया
इक गीत जगाकर होठों पर
इक गीत जगाकर होठों पर
गाने से पहेले छीन लिया
दो रोज़ झूलकर फूलों में
काँटों में रुलाए जाती हैं
काँटों में रुलाए जाती हैं
उम्मीद के रंगीन झूले में
तक़दीर झूलाए जाती हैं
तक़दीर झूलाए जाती हैं